कैसे चलेगा ?
कैसे चलेगा ?
सफ़र अधूरा है, तु रुक गया तो कैसे चलेगा ?
इन तूफ़ानों के सामने तू झुक गया तो कैसे चलेगा ?
अभी तो रंग और बदलेंगे इंसानों के,
तू डर गया तो कैसे चलेगा ?
मौसम अभी बहोत देखने बाकी है,
इस बरसात मे बहक गया तो कैसे चलेगा?
उजाला तू भी देखेगा,
पर इन रातों में मदहोश हुआ तो कैसे चलेगा ?
इश्क़ के जाम अभी तो खूब पीने है,
नफरतों से बिना जूझे कैसे चलेगा ?
ख्वाब एक अब भी अधूरा है,
तू हार गया तो कैसे चलेगा ?
मंज़िल अभी मिली नहीं,
तु भटक गया तो कैसे चलेगा ?
एक ख़ूबसूरत तोहफ़ा है जिंदगी,
और जीना अभी बाकी है,
तू मर गया तो कैसे चलेगा ?