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SHAMANA GONDALIA

Abstract classics

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SHAMANA GONDALIA

Abstract classics

यारियां 🎉

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ए दोस्त ! तेरे नाम मैं क्या लिखूँ ?

बहोत कुछ लिख लिया सब ने,

आज मैं तेरे नाम एक ख़त लिखूँ

वो तेरी छोटी छोटी बातें, प्यारी मुलाकातें


खट्टी मिट्ठी यादें, और अनकहे वादे

आज मैं तेरे नाम ये सब लिखूँ;

ए दोस्त ! आज मैं तेरे नाम एक ख़त लिखूँ

मेरी कामियाबी पर तेरा खुशी से उछल जाना,


मेरी मायूसी में तेरा यूं चुप हो जाना,

मेरी खुशी में तेरा खुश हो जाना,

मेरे दुख़ में तेरा यूं बिनकहे साथ दे जाना

आज मैं तेरे नाम ये सब लिखूँ


ए दोस्त ! आज मैं तेरे नाम एक ख़त लिखूँ

मेरे बिना कहे तेरा यूं सब सुन लेना,

मेरी बिना सुने तेरा यूं हक जता जाना,

मेरी गलती पर मुझे यूं टकोर कर जाना,


भटकूँ जो मैं, तो मुझे रास्ता दिखा जाना

आज मैं तेरे नाम ये सब लिखूँ

ए दोस्त ! आज मैं तेरे नाम एक ख़त लिखूँ

मेरी बिनमतबल की बातें तेरा यूं गौर से सुनना,


मेरी हर नादानी को तेरा यूं झेलना,

बिखरू जब मै, तो मुझे यूं समेटना,

टूटू जो मैं, तो तेरा मुझे यूं जोड़ लेना

आज मैं तेरे नाम ये सब लिखूँ


ए दोस्त ! आज मैं तेरे नाम एक ख़त लिखूँ

तुझसे की हुई सारी बातें अनगिनत लिखूं

तेरी मेरी यारी की एक मिसाल बेमिसाल लिखूँ

आज मैं तेरे नाम ये सब लिखूँ

ए दोस्त ! आज मैं तेरे नाम एक ख़त लिखूँ।


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