अपना ग़म कल मैंने आसमाँ को क्या बता दिया। पूरे शहर ने आज बरसात का लुत्फ उठा लिया। अपना ग़म कल मैंने आसमाँ को क्या बता दिया। पूरे शहर ने आज बरसात का लुत्फ उठा लि...
यार हम क्या हैं ? दोस्त हैं ? अच्छे वाले दोस्त हैं ? यार हम क्या हैं ? दोस्त हैं ? अच्छे वाले दोस्त हैं ?
इक कविता दोस्त के नाम इक कविता दोस्त के नाम
ठहाके और मस्ती और सिर्फ प्यार, घूसे और लात। ठहाके और मस्ती और सिर्फ प्यार, घूसे और लात।
यह शहर अनजान सा लगने लगा है तू नहीं तो बेगाना सा लगने लगा है । यह शहर अनजान सा लगने लगा है तू नहीं तो बेगाना सा लगने लगा है ।
अजीब सी दोस्त है मेरी, हमेशा कुछ ना कुछ उलझन में रहती है, अजीब सी दोस्त है मेरी, हमेशा कुछ ना कुछ उलझन में रहती है,