यारियां
यारियां
अपना ग़म कल मैंने आसमाँ को क्या बता दिया।
पूरे शहर ने आज बरसात का लुत्फ उठा लिया।
चले थे बड़े हौसले से ज़िन्दगी के इस सफर में अकेले,
पहला मोड़ आते ही, ज़ेहन ने उनका नाम ज़ुबाँ पे ला दिया ।
कभी जिन दोस्तो के बिना न गुज़रा करती थी शामें,
मंज़िलो को पाने की कशिश ने उनका ज़िक्र तक मिटा दिया ।।
कामयाबी के इस मुकाम में साथ आ गए कुछ अधूरे सपने,
मेरी ख्वाहिशो के उड़ते परिंदो को वक़्त ने कैदी बना दिया ।।
अपना ग़म कल मैंने आसमाँ को क्या बता दिया।
पूरे शहर ने आज बरसात का लुत्फ उठा लिया।
