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Goga K

Drama Classics Inspirational

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Goga K

Drama Classics Inspirational

यादों की छत

यादों की छत

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रात भर महफिल में बैठ कर पुरानी याद ताजा करी।

फिर बिस्तर पर लेटे छत निहारते रहे।

जीवन के सुनहरे किस्से याद आते रहे।


कुछ कहानियां सुनाई कुछ किस्से बताए, 

कुछ नए पुराने और कुछ सुने सुनाए

हर किस्सा कहते ही उड़ता गया,


और यादों की छत पे एक रंग भरता गया,

हर रंग का एक किस्सा था और हर किस्से का एक रंग

मैं हर रात अपनी यादों के तकिए से लिपटा छत निहारता रहा,


रंग बिरंगी छत कभी उदास लगी और कभी खुश

पर अब किस्सों की कूची पर एक सुनहरी सी चमक आ रही है,

लगता है सूरज की किरणे मेरी छत के रंगों में समा रही हैं। 


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