ना ही मैं शायरों जैसा सुना सकता , ना ही शायरों जैसा मेरा लिबास है .. कोशिश रहती है बस तुम्हारा दिल बहला सकूं , इसे अखबार मत समझना मेरी ज़िंदगी की क़िताब है .. 🙏
आगे मर्ज़ी तुम्हारी मैंने तो बस अपना सच बताया हैं। आगे मर्ज़ी तुम्हारी मैंने तो बस अपना सच बताया हैं।