ना ही मैं शायरों जैसा सुना सकता , ना ही शायरों जैसा मेरा लिबास है .. कोशिश रहती है बस तुम्हारा दिल बहला सकूं , इसे अखबार मत समझना मेरी ज़िंदगी की क़िताब है .. 🙏
Share with friendsअक्सर रात में वही लोग जागते हैं जिनकी ख्वाहिशें अधूरी होती है और उन्हें पूरा करने का उनके पास कोई रास्ता भी नहीं होता
जिसका जहां तक मतलब बन सका उसने हमें वहां तक साथ रखा , और फिर रख दिया तो ऐसे रख दिया , जैसे एक दिन का चूल्हा जलाने के लिए किसी ने ज़रूरत से ज्यादा लकड़ियां कांट ली हो ..