ओ पिया
ओ पिया
तुम जो आए मेरे जीवन में, मुझे जीने का मकसद मिल गया l
मेरे जीवन की बगिया बेजार थी, तुमने अपने प्रेम से इसे गुलशन बना दिया l
ओ पिया........ ओ पिया........
तुम हमसफर क्या बने मेरे, मेरे अरमानों को पंख मिल गये l
तूने आकर मेरे सुने मन में, प्रीत का कमल खिला दिया l
ओ पिया....... ओ पिया.........
मेरी अलसाई निगाहों में, तूने सतरंगी सपने सजा दिए l
मेरी चाहतों के टूटे परों को तूने, परवाज़ दे दिया l
ओ पिया....... ओ पिया.......
तुम सच्चे सखा मेरे, मेरी विपत्तियों में सारथी भी बन गये l
मेरी हर नादानी और गुस्ताखी को, तूने हँस कर सह लिया l
ओ पिया..... ओ पिया.......
अब बस ये तमन्ना मेरी, तेरे साथ ही जीना, तेरे साथ ही मरना l
तेरी अच्छाइयों के जादू ने, जाने कब मेरा मन चुरा लिया l
ओ पिया...... ओ पिया..........