शेर दहाडता भी है और मारता भी है... लेकिन कब, जब उसे भूख लगती है या उसे किसीसे खतरा महसूस हाेता है...... शेर दहाडता भी है और मारता भी है... लेकिन कब, जब उसे भूख लगती है या उसे किसीसे खत...
किसी को कुछ ना देने वाला हूं फकीर मैं तो किसी को कुछ ना देने वाला हूं फकीर मैं तो
मेरी अलसाई निगाहों में, तूने सतरंगी सपने सजा दिए l मेरी अलसाई निगाहों में, तूने सतरंगी सपने सजा दिए l
यह भी समझ नहीं पाते, धृतराष्ट्र पुत्रों को माधव, नहीं मारना चाहूं यादव। यह भी समझ नहीं पाते, धृतराष्ट्र पुत्रों को माधव, नहीं मारना चाहूं यादव।
हाँ...! यह सच है मैं हर रोज़ मारती हूँ स्वयं को। हाँ...! यह सच है मैं हर रोज़ मारती हूँ स्वयं को।