पर यकीन मानों भावना ज़मीर से ना गिरते हैं। पर यकीन मानों भावना ज़मीर से ना गिरते हैं।
बहुत देखी अदावतें राह-ए-ज़िन्दगी में मगर खामोशियों से यूं कभी किसी ने सताया ना था बहुत देखी अदावतें राह-ए-ज़िन्दगी में मगर खामोशियों से यूं कभी किसी ने सताया ना...
निकले साथ घर से वहाँ ठहराए कुछ गए थे। निकले साथ घर से वहाँ ठहराए कुछ गए थे।
शाम ढ़लते ही दिए जलते हैं, आग लगती है सीने में, कदम पड़ते हैं मयखाने में। जाम तो हम शाम ढ़लते ही दिए जलते हैं, आग लगती है सीने में, कदम पड़ते हैं मयखाने में। ...
शाख से जुदा पत्ते की निशानी पूछिये। किसी टूटे हुए पैमाने की जुबानी पूछिये।। शाख से जुदा पत्ते की निशानी पूछिये। किसी टूटे हुए पैमाने की जुबानी पूछिये।।
किसी को कुछ ना देने वाला हूं फकीर मैं तो किसी को कुछ ना देने वाला हूं फकीर मैं तो