पर यकीन मानों भावना ज़मीर से ना गिरते हैं। पर यकीन मानों भावना ज़मीर से ना गिरते हैं।
मुझे ओर किसी भी दर पे जाना न होता ।। मुझे ओर किसी भी दर पे जाना न होता ।।
बाग में कलियों का, जैसे मुस्कुराना, देखकर भंवरों का ,होता गुनगुनाना । बाग में कलियों का, जैसे मुस्कुराना, देखकर भंवरों का ,होता गुनगुनाना ।
तेरे जिस्म कि भीनी-भीनी खुशबू, मेरे जिस्म से ज़ब टकराती है, आह निकलती है, मेरी जान चली जा... तेरे जिस्म कि भीनी-भीनी खुशबू, मेरे जिस्म से ज़ब टकराती है, आह निकलती है,...
अभी सिखना बहुत बाकी है तृष्णा शेष है, सकल संसार मेरा साकी है अभी सिखना बहुत बाकी है तृष्णा शेष है, सकल संसार मेरा साकी है
बस आखिरी मंजित तक पहुँचा दे साकी बस ....। बस आखिरी मंजित तक पहुँचा दे साकी बस ....।