STORYMIRROR

Neetu Singh Chauhan

Drama

2  

Neetu Singh Chauhan

Drama

मयखाना न होता

मयखाना न होता

1 min
2.9K


ये साकी न होती,

ये पैमाना न होता।

ऐ खुदा काश जहाँ में

मयखाना न होता ।।


उनका प्यार ही बस

इबादत होती मेरी।

मुझे ओर किसी भी

दर पे जाना न होता ।।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama