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Neetu Singh Chauhan

Action

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Neetu Singh Chauhan

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भारत माता पुकार रही

भारत माता पुकार रही

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निज आहुति देना है मुझको,

भारत माता पुकार रही।

आशीष दे विदा करो मातु,

शत्रु नागिन सी फुफकार रही।


उसके फन पर कान्हा समान,

मुझको भी नर्तन करना है।

उसके खंडित शीशों को मैया,

भारत माँ को अर्पण करना है।


मेरे लहू का हर कतरा,

माँ के मस्तक का तिलक बने।

माँ की आरती हो जिससे,

ये तन वो पावन दीपक बने।


अरमान यही दिल में लिए,

रणबांकुरे सीमा पर बढ़े चले।

दुश्मन का सीना चीर-चीर,

ये नवल इतिहास गढ़े चले।


उदण्डी को दण्ड देना है,

जो पावन वसुधा को उजाड़ रहे।

तुझे नेस्तनाबूद करने को,

भारत की सेना हुंकार रही।।


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