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Rajit ram Ranjan

Romance

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Rajit ram Ranjan

Romance

हो जाऊँगा तबाह... !

हो जाऊँगा तबाह... !

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क्या यही मेरा गुनाह है, 

जो तुमसे मोहब्बत 

बेपनाह है, 

तुम्हारे बिन अब तो 

एक लम्हा भी 

दुस्वार है, 

आज तुम भी कह दो ना 

कि तुमको हमसे प्यार है !

अपने इश्क़ का ये 

चाँद-तारे है गवाह.... 

गर ना मिली तू मुझे, तो 

हो जाऊँगा तबाह !


तेरे जिस्म कि भीनी-भीनी खुशबू, 

मेरे जिस्म से ज़ब टकराती है, 

आह निकलती है, 

मेरी जान चली जाती है, 

तेरी आरजू इस दिल में 

कही थोड़ी बाकि है, 

हमनवा मेरा तू, 

तू ही मेरा साकी है, 

तुझसे आशिक़ी है अथाह, 

गर ना मिली तू मुझे, तो 

हो जाऊँगा तबाह !


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