“ मेरे घर को सजा देना ”
“ मेरे घर को सजा देना ”
हमेशा राह तकता हूँ कहीं से तुम चले आना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!
हमेशा राह तकता हूँ कहीं से तुम चले आना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!
जरा सी आहटें होती है तो ,
लगता है तुम ही आ गए !
महक उठती है धरती और ,
अम्बर पे यूँ बादल छा गए !!
जरा सी आहटें होती है तो ,
लगता है तुम ही आ गए !
महक उठती है धरती और ,
अम्बर पे यूँ बादल छा गए !!
दबे पाँवों से आकर के मेरी दुनिया बसा देना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!
हमेशा राह तकता हूँ कहीं से तुम चले आना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!
ना रातों में है मुझको चैन ,
ना सारा दिन ही सोता हूँ !
मेरा तुम हाल मत पूछो ,
मैं तुझे ही याद करता हूँ !!
ना रातों में है मुझको चैन ,
ना सारा दिन ही सोता हूँ !
मेरा तुम हाल मत पूछो ,
मैं तुझे ही याद करता हूँ !!
बहुत अब हो गयी दूरी इसे जल्दी मिटा देना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!
दबे पाँवों से आकर के मेरी दुनिया बसा देना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!
हमेशा राह तकता हूँ कहीं से तुम चले आना !
खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना !!

