कहना तो बहुत कुछ है तुझसे..!
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे..!
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मिलते है तो सब भूल जाते है !
दिल में दबी-दबी सी बातें,
मोहब्बत की वो सारी ख्यालातें,
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मिलते है तो सब भूल जाते है !
होंठों पे वो सारी बात ,
करवट बदलती कितनी रात,
मन के वो सारे जज़्बात,
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मिलते है तो सब भूल जाते है !
तुम्हारे होंठ का वो काला तिल,
तुम्हारे बिन वो सुनी महफ़िल,
तुम्हारी आंखें वो कातिल,
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मिलते है तो सब भूल जाते है !
तुम्हारा वो सजना संवरना,
झुमका का गोरे गालों को चूमना,
जुल्फों का तुम्हारे कांधे पे बिखरना,
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मिलते है तो सब भूल जाते है !