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Rajit ram Ranjan

Drama Romance Fantasy

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Rajit ram Ranjan

Drama Romance Fantasy

एक हवेली थी,दिल के मोहल्ले मे!

एक हवेली थी,दिल के मोहल्ले मे!

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एक हवेली थी दिल के मोहल्ले में,

पर थी बड़ी चंगी सी!

पर था उसमें खालीपन, सूनापन,

मैं अकेला रहता था मायूस, गुमसुम,

दीवारों से करता था गुफ्तगू,

तन्हाइयों से होके रूबरू,

अजीब थे वे पल,

सुनसान ना कोई हलचल,

जिंदा थे,

पास जिंदगी भी थी,

पर थी बड़ी बेढंगी सी..

एक हवेली थी दिल के मोहल्ले में,

पर थी बड़ी चंगी सी!



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