दर्द नापने का पैमाना..!
दर्द नापने का पैमाना..!
उसकी सादगी का दीवाना ,
काश ये सारा जमाना होता,
दिल मेरा ज़ख्मी है यारों,
दर्द नापने का काश कोई पैमाना होता,
मैं होश में हु,
आधी रात को भी,
काश खुला कोई मयखाना होता।
महबूब से दिल भर गया,
सफ़र में थे सफ़र गया,
बताने का काश,
कोई बहाना होता,
मोहब्बत इतनी आसान नहीं,
बंधन में बंधके,
काश हर किसी को पूरा निभाना होता।
उसकी सादगी का दीवाना ,
काश ये सारा जमाना होता,
दिल मेरा ज़ख्मी है यारों,
दर्द नापने का काश कोई पैमाना होता।

