रूठकर उनका चले जाना ..!
रूठकर उनका चले जाना ..!


रूठकर उनका चले जाना ,
कभी समझ ही नही पाए हम ।
रह गया दिल के एक कोने में
उनका कोई ठिकाना,
कभी भूल ही नही पाए हम ।
कोसते रहे हरपल,
बेचारे दिल को जानेजाना ,
उसके ज़ख़्म को कभी
देख ही नही पाए हम ।
महसूस होती रही तनहाईया,
भीड़ में भी रोजाना,
अकेलेपन को कभी
ढूंढ़ ही नही पाए हम।
रूठकर उनका चले जाना ,
कभी समझ ही नही पाए हम ।