मिसाल
मिसाल
अगर ठुकराना चाहती हो
ठुकराओ खुशी से मुझे
रह लूँगा दर पे तेरे
मै दबा पायदान पे पाँव तले
कम से कम याद तो करेगा
जमाना ये कि
ये है ईक आशिक की निशानी
जो रहा असफल
पर कर दी निछावर जान अपनी
आशिकी के नाम!
रहूँगा अमर मै
प्यार की मिसाल बन के
जैसे कोई बादशाह ने
महल बना ही दिया !
खुश रहो तुम
तुम्हारी खुशी मेरी खुशी
डर न वहम ना कर
करुँगा नही मै
कभी खुदकुशी !

