किस्मत!
किस्मत!
मैं हूॅं
किस्मत का मारा !
जो भी चाहूॅं
जैसा भी चाहूॅं
मिलता ही नहीं मुझे
किस्मत का जो हूॅं मारा !
क्या करुॅं कैसे बिताऊॅं?
जिंदगी ये
जो मिलती नहीं दोबारा!
झगडते झगडते
बीत गयी आधी जिंदगी
कब आयेगी मेरी बारी
कब मिले गा मुझे सहारा?
