आज बचपन कल जवानी फिर बुढ़ापे के साथ खत्म ये जिन्दगानी आज बचपन कल जवानी फिर बुढ़ापे के साथ खत्म ये जिन्दगानी
इस आवारगी को जुदा करके साथी मुझे तुमने जीवन ये प्यारा दिया है इस आवारगी को जुदा करके साथी मुझे तुमने जीवन ये प्यारा दिया है
दिन में नहीं दिखता गर इज़्ज़त का व्यापार कोई रात किसी झोपड़ी में भी गुजारा करो दिन में नहीं दिखता गर इज़्ज़त का व्यापार कोई रात किसी झोपड़ी में भी गुजारा करो
दुबारा ना मिलेगी "ज़िंदगी " दुबारा ना मिलेगी "ज़िंदगी "
क़दर करो, दोबारा क़दर करो, दोबारा
जीवन का उपहार एक बार मिले न मिले यह दोबारा। जीवन का उपहार एक बार मिले न मिले यह दोबारा।