पल-पल..#27दिन ज़िन्दगी खेल नह
पल-पल..#27दिन ज़िन्दगी खेल नह
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ज़िन्दगी बड़ी हसीन है,
इसके हर लम्हा को ,
जी कर देखों, कभी
तो रुक कर पल -पल
बीतती ज़िन्दगी को
देखों कितनी ख़ुबसूरत है।
क्यों बात -बेबात तुम तबाह,
करने पर तुले रहते हो,
इस ज़िन्दगी को,
ज़िन्दगी कोई खेल नहीं।
उस रब की दी हुई,
अनमाेल नेआमत है,
क़दर करो, दोबारा
न मिलेगी ये ज़िन्दगी,
ये ज़िन्दगी कोई खेल नहीं.....!