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शायद संदली के मन का बोझ अब उतर चुका था। शायद संदली के मन का बोझ अब उतर चुका था।
"सही कह रहे हो भाई... औरतें जो होती है न सा#& (गाली )पैरों की जूती होती हैं.. उन्हें उन "सही कह रहे हो भाई... औरतें जो होती है न सा#& (गाली )पैरों की जूती होती हैं.. उन...
असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी। असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी।
गरीबी सबसे बड़ी बीमारी है। इसका कोई इलाज नहीं। जब तक य़ह बीमारी साथ रहती है अपने भी नहीं पहचानते। औऱ... गरीबी सबसे बड़ी बीमारी है। इसका कोई इलाज नहीं। जब तक य़ह बीमारी साथ रहती है अपने...
गला दबा रहा था! कौन? पर..पर यहाँ तो कोई भी नहीं है गला दबा रहा था! कौन? पर..पर यहाँ तो कोई भी नहीं है
उसे वही डर फिर से सता रहा है कि दोबारा उसके और उसको सपनों के बीच आरक्षण दीवार बनकर न खड़ी हो जाए। उसे वही डर फिर से सता रहा है कि दोबारा उसके और उसको सपनों के बीच आरक्षण दीवार बन...
आकांक्षा डबडबाई आँखों से दौड़ी दौड़ी वृद्धाश्रम पहुँची और समझा बुझाकर अपने घर ले आई। आकांक्षा डबडबाई आँखों से दौड़ी दौड़ी वृद्धाश्रम पहुँची और समझा बुझाकर अपने घर ले...
शर्मिष्ठा बहुत नेक स्त्री थी वह किसी प्रकार की कलह या झगड़ा - झंझट नहीं चाहती थी शर्मिष्ठा बहुत नेक स्त्री थी वह किसी प्रकार की कलह या झगड़ा - झंझट नहीं चाहती थी
आज के समय में जहाँ भाई - भाई पर भरोसा नहीं करता। झूठ, बेईमानी, चोरी मक्कारी जहाँ सिर उठाए घूमती है ऐ... आज के समय में जहाँ भाई - भाई पर भरोसा नहीं करता। झूठ, बेईमानी, चोरी मक्कारी जहाँ...
यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है। केवल स्थान व पात्रों के नाम बदले गए हैं। यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है। केवल स्थान व पात्रों के नाम बदले गए हैं।