सास धर्म
सास धर्म
एक वर्ष के दुधमुंहे बालक की नजर एकाएक जब अपनी दादी की छाती पर पड़ी तो दूध पीने चाहत में वह उनकी छाती को बार बार स्पर्श करने लगा। यह देख दादी ने कहा, "एनकर चाचा - बाप त ऐसन नाय रहेन, लागत आ ननिअउरेपड़ि गएन।
"( इसके चाचा और पिता ऐसे नहीं थे, लगता है ननिहाल में किसी को पड़ गया है।)
पालने में ही अपने साल भर के नन्हें- मुन्हें पोते के चरित्र का विश्लेषण करते-करते अधरों पर कुटिल मुस्कान लिए सास ने एक बार फिर से बहू को सताने का अपना सास धर्म निभा दिया।असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी।