यही छोटी छोटी बातें आगे चलकर एक बड़ा पहाड़ बन जाती है। यही छोटी छोटी बातें आगे चलकर एक बड़ा पहाड़ बन जाती है।
उस की तुलना किसी के घर की बहू से न करें, क्योंकि आपकी बहू आपकी ही रहेगी। उस की तुलना किसी के घर की बहू से न करें, क्योंकि आपकी बहू आपकी ही रहेगी।
अब कभी भी घर जाती हूँ तो मेरे घर वाले ही कह देते हैं देखो वो बडे घर की बहू आ रही। अब कभी भी घर जाती हूँ तो मेरे घर वाले ही कह देते हैं देखो वो बडे घर की बहू आ रही...
सही कहा न चौधरी ? और एक भेद भरी मुस्कान लिए वो घर चल दी। सही कहा न चौधरी ? और एक भेद भरी मुस्कान लिए वो घर चल दी।
उनकी इस समझदारी भरी बात सुनकर पीहू मुस्कुरा दी और शोभा जी के गले लग गई। उनकी इस समझदारी भरी बात सुनकर पीहू मुस्कुरा दी और शोभा जी के गले लग गई।
असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी। असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी।