नदी के दो किनारों से बहते यूँ तो आ गए पास कितने नदी के दो किनारों से बहते यूँ तो आ गए पास कितने
पढाई का घमंड करना। अब उसेअनपढ़ ओर पढ़े लिखे समझ आ चुका था। पढाई का घमंड करना। अब उसेअनपढ़ ओर पढ़े लिखे समझ आ चुका था।
बनाये और मेरे आंगन में फिर से किसी नव जीवन का आविर्भाव हो।। बनाये और मेरे आंगन में फिर से किसी नव जीवन का आविर्भाव हो।।
अगले स्टेशन पर गाड़ी धीमी होते ही वो उतर गया। अगले स्टेशन पर गाड़ी धीमी होते ही वो उतर गया।
मामा ने जैसे फ़ोन उठाया मैंने कहा, "मामा अमित को भी मामा चाहिए है! मामा ने जैसे फ़ोन उठाया मैंने कहा, "मामा अमित को भी मामा चाहिए है!
सही कहा न चौधरी ? और एक भेद भरी मुस्कान लिए वो घर चल दी। सही कहा न चौधरी ? और एक भेद भरी मुस्कान लिए वो घर चल दी।