STORYMIRROR

Meenakshi Sukumaran

Others

5.0  

Meenakshi Sukumaran

Others

मिलन

मिलन

1 min
42.3K


नदी के दो किनारों

से बहते यूँ तो

आ गए पास कितने

जुड़ा एहसास का 

बंधन ऐसा

बाकी सब रिश्ते

फीके पड़े ||

देखो न नादा  है

ये दिल कितना

हर पल मचलता

है छूने को अक्स तेरा

फिर खुद ही रूठता ..

मानता  ..संभलता ..है

यूँ दिल तुझे पाने की आस में

पर टूटता नहीं

भ्रम की कभी तो

मिल ही जायेंगे ये दो

किनारे बहते तन्हा तन्हा 

और मिल ही जायेंगे

यूँ तुम से हम

हम से तुम

और बह जायेगा

सारा दर्द जुदाई का

मिलन के रंग में  || 

~~~~ मीनाक्षी सुकुमारन ~~~~

 


Rate this content
Log in

More hindi story from Meenakshi Sukumaran