उसने तय किया कि वह अपनी बेटी की शादी में धमाल मचा डालेगा। उसने तय किया कि वह अपनी बेटी की शादी में धमाल मचा डालेगा।
बेटा ऐसा कैसे कर सकता है? उसने घर ले लिया और हमें बताया तक नहीं। बेटा ऐसा कैसे कर सकता है? उसने घर ले लिया और हमें बताया तक नहीं।
गांव के सब लोग कहते हैं मैं अनाथ हूँ। अनाथ बच्चे को कोई अपने साथ नहीं रखता। गांव के सब लोग कहते हैं मैं अनाथ हूँ। अनाथ बच्चे को कोई अपने साथ नहीं रखता।
घर को बड़े ही स्नेह से पति ने नाम दिया था 'गायत्री निवास'। घर को बड़े ही स्नेह से पति ने नाम दिया था 'गायत्री निवास'।
"क्या हुआ कटखनी बिल्ली? इतना क्यों लाल पीली हो रही हो?" "क्या हुआ कटखनी बिल्ली? इतना क्यों लाल पीली हो रही हो?"
पेड़ मालिक की ज़मीन पर है। अगर वह अपनी इच्छा से देंगे तो हम लोग भी खाएंगे। पेड़ मालिक की ज़मीन पर है। अगर वह अपनी इच्छा से देंगे तो हम लोग भी खाएंगे।
उसके मन में एक ख्याल आया कि अगर माधवी और सुशांत जीवनसाथी बन जाएं तो... उसके मन में एक ख्याल आया कि अगर माधवी और सुशांत जीवनसाथी बन जाएं तो...
समझ कर भी,न-समझी का खेद रहेगा। मुझे अफसोस रहेगा। समझ कर भी,न-समझी का खेद रहेगा। मुझे अफसोस रहेगा।
जिस दुपट्टे को वह बारम्बार फेंक देती थी, उसे कसकर देह से चिपका लिया। जिस दुपट्टे को वह बारम्बार फेंक देती थी, उसे कसकर देह से चिपका लिया।
सुअर का बच्चा तो दिखता नहीं, इंसान का ही हो सकता है! सुअर का बच्चा तो दिखता नहीं, इंसान का ही हो सकता है!
हुजूर बहुत देर कर दी है यथार्थ के धरातल पर आते आते। हुजूर बहुत देर कर दी है यथार्थ के धरातल पर आते आते।
फिर पड़ोसी लड़के ने बताया कि कबूतर का खून पीने से ताकत आती है। फिर पड़ोसी लड़के ने बताया कि कबूतर का खून पीने से ताकत आती है।
काफल का वृक्ष मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। काफल का वृक्ष मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है।
कोर्ट के फैसले ने उसे यह राहत दी थी कि वह माह में एक बार बेबी से मिल सकता है। कोर्ट के फैसले ने उसे यह राहत दी थी कि वह माह में एक बार बेबी से मिल सकता है।
दूधमुंही अनाथ बच्ची को अब यशोदा मां मिल गई थी। दूधमुंही अनाथ बच्ची को अब यशोदा मां मिल गई थी।
कभी नए साल का जो हंगामा है वो तो फकत तारीख बदलती है. कभी नए साल का जो हंगामा है वो तो फकत तारीख बदलती है.
दादी की बातों को मैं एक कान से सुनता दुसरे कान से निकल देता था। दादी की बातों को मैं एक कान से सुनता दुसरे कान से निकल देता था।
अक्सर दोनों आते ,अपनी प्रेम भरी बतियों से इस टपरी को महका देते । अक्सर दोनों आते ,अपनी प्रेम भरी बतियों से इस टपरी को महका देते ।
धन दौलत, मान सम्मान, अपना परिवार पर अगर कुछ साथ नहीं था तो वो थी मां। धन दौलत, मान सम्मान, अपना परिवार पर अगर कुछ साथ नहीं था तो वो थी मां।
कॉलोनी की दूसरी महिलाओं से भी, उसके स्वेच्छाचारी रवैय्ये पर बातचीत हुई. कॉलोनी की दूसरी महिलाओं से भी, उसके स्वेच्छाचारी रवैय्ये पर बातचीत हुई.