ये कहावत भी सही है कि सास गले की फाँस होती है जो ना निगली जाती न उगली जाती है पर इनका रिश्ता काफी खा... ये कहावत भी सही है कि सास गले की फाँस होती है जो ना निगली जाती न उगली जाती है पर...
बरसों से जिस कड़वी जबान के साथ उसका उठना-बैठना था, उसे उसदिन क्षणभर के लिए झेलना इतना द बरसों से जिस कड़वी जबान के साथ उसका उठना-बैठना था, उसे उसदिन क्षणभर के लिए झेलना ...
नीता की सास रूढ़िवादी थी जबकि नीता आधुनिक जीवन शैली के साथ उदार थी। नीता की सास रूढ़िवादी थी जबकि नीता आधुनिक जीवन शैली के साथ उदार थी।
असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी। असहाय बहू मन मसोस कर पति और ससुर से शिकायत के डर से चुप चाप रसोई में चल दी।
जब बेटे बहू को समाचार दिए गए तो उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई । जब बेटे बहू को समाचार दिए गए तो उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई ।
और रचना की बुआ जी बस मुस्कुरा रही थीं। और रचना की बुआ जी बस मुस्कुरा रही थीं।