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नए किस्म का दर्द

नए किस्म का दर्द

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दिल सुन्न रखता हूँ आजकल

कुछ महसूस होने ही नहीं देता

इसे नए किस्म का दर्द चाहिये

दिल दर्द का आदी हो गया है

लोग ज़्यादा मीठे और वफ़ादार मिलें

तो एक एक घूंट पीता हूँ सबको

इस दिल ने धोकों का सत बहुत पिया है

ये अब नशे का आदी हो गया है,

और जब राहाइस नही होती इसे

तो ले आता हूँ इसे मेरे पुराने शहर में

जहाँ इसने धड़कना सीखा था

होटल के लॉन में एक आराम कुर्सी थी

जहाँ कभी एक जोड़े ने कुछ शामें बुनी थी,

सच की बर्फ में लिपटे कई झूठ

की ठंडक महसूस करते हुए

दोनों ने कई वादे किए थे

एक दूजे की कसमें खाई थीं

दोनों जानते थे ये फुआर असली नहीं

फिर भी सच का दम भरती लड़की

डालते रहे सुनहरे सपनों की आग में

विस्की की सिप के साथ, दोनों झूमे,

उसने जूड़े की पिन से अंग्रेजी में

खरोंच कर कभी दो नाम लिखें थे

कुर्सी के हत्ते पर बाई ओर की साइड पे।

वो वक्त की बारिशं के साथ

फूल के उचट गए है|

सीलन आ गयी होगी , बैकयार्ड में डाल दी है उन्होंने

अब वहाँ लॉन में हमारे नाम की कोई कुर्सी नहीं है|

वो जगह अब नए आउटडोर फर्नीचरस से सज गयी है,

नए स्ट्रीट लैम्प्स ओर गलियारे बना दिए है, उन्होंने

अब उनपर कुछ नए नाम हैं

कुछ नए जोड़ों ने नई शामें बुनी होंगी

इसे दर्द की तलब लगी थी सो

मैं ले आया हूँ इस दिल को,

मेरे एक बीते हुए शहर में

जहाँ इसने टूटना सीखा था

अब इस दिल को आराम है|


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