यह मन के जुगनू हमें कभी अस्त व्यस्त तो कभी मस्त मस्त रखते हैं। यह मन के जुगनू हमें कभी अस्त व्यस्त तो कभी मस्त मस्त रखते हैं।
तमस की गुहा में क्यों, स्त्रियाँ अब जल रहीं। तमस की गुहा में क्यों, स्त्रियाँ अब जल रहीं।
पानी से प्यास तो बुझती है, मगर... लालसा की अग्नि जब तन-मन को जलाती है। पानी से प्यास तो बुझती है, मगर... लालसा की अग्नि जब तन-मन को जलात...
ठहराव आकर्षण , लोभ में बाँध देगा । ठहराव आकर्षण , लोभ में बाँध देगा ।
गाँव की गलियों से जब जब गुजरा हूँ मैं पथ की बेरियों को उकेरा है मैंने। गाँव की गलियों से जब जब गुजरा हूँ मैं पथ की बेरियों को उकेरा है मैंने।
वो सुबह कुछ अलग सी थी कुछ धुआं रेत बारीक सी थी। वो सुबह कुछ अलग सी थी कुछ धुआं रेत बारीक सी थी।
मेरा भी मन करता है ,कि सूखे होठों को नकली रंगों से न चमकाऊं। मेरा भी मन करता है ,कि सूखे होठों को नकली रंगों से न चमकाऊं।
यूँ लगता है कि, आया तू बन के मसीहा मेरा , तू ने हमें दिलाई ग़म से राहत, तेरे क्या कहने यूँ लगता है कि, आया तू बन के मसीहा मेरा , तू ने हमें दिलाई ग़म से राहत, तेरे ...
कोई इन्हें पहन नृत्यांगना कहलाता है तब क्यों कोई तवायफ का खिताब पाता है, कोई इन्हें पहन नृत्यांगना कहलाता है तब क्यों कोई तवायफ का खिताब पाता है,
आपके कर्मों को 'अमरत्व" देंगे ये ज़माने वाले आपके कर्मों को 'अमरत्व" देंगे ये ज़माने वाले
कितने तो आँसू बहे होंगे इन आँखों से, घर ये खारे पानी का। कितने तो आँसू बहे होंगे इन आँखों से, घर ये खारे पानी का।
तेरी बनायी दुनिया …बदल गई ना जाने वो दुनिया …कहाँ है। तेरी बनायी दुनिया …बदल गई ना जाने वो दुनिया …कहाँ है।
अन्यथा समाधान खोजने में इंसान जाता हैं हांफ अन्यथा समाधान खोजने में इंसान जाता हैं हांफ
मैं हूं बृद्ध और जिंदगी जी रहा हूँ , अब नहीं हैं किसी को जरूरत मेरी। मैं हूं बृद्ध और जिंदगी जी रहा हूँ , अब नहीं हैं किसी को जरूरत मेरी।
एक शब्द की आड़ में, दिल की कहानी है, चुप रह कर भी, चैन कहाँ मिलता है। एक शब्द की आड़ में, दिल की कहानी है, चुप रह कर भी, चैन कहाँ मिलता है।
जो मिले थे गुल कहीं खिले, वो स्वप्न सब धूल में मिले। जो मिले थे गुल कहीं खिले, वो स्वप्न सब धूल में मिले।
पड़ी रहती हूँ घरों में एक सजावट की वस्तु बनकर। पड़ी रहती हूँ घरों में एक सजावट की वस्तु बनकर।
चीखती नदी मौन प्रार्थना में लीन हो जाती है। चीखती नदी मौन प्रार्थना में लीन हो जाती है।
मृत्यु का आगमन, एक निश्चित सत्य, जीवन की चरम सीमा, अन्त की यह प्रेरणा। मृत्यु का आगमन, एक निश्चित सत्य, जीवन की चरम सीमा, अन्त की यह प्रेरणा।
तुझे जेब में रक्खा और आचरण से निकाल दिया! किताबों में दर्ज किया और भाषणों में ढाल दे। तुझे जेब में रक्खा और आचरण से निकाल दिया! किताबों में दर्ज किया और भाषण...