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Anjali Pundir

Romance

4.5  

Anjali Pundir

Romance

मन बंजारा

मन बंजारा

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मन बंजारा झूम-झूम

जब पीर गीत गाता था

दिल की धड़कन का इकतारा

झनक-झनक जाता था


उर की पीड़ा बह जाती

नयनों से रिस-रिस के

आँसू करते जुगलबंदी

बरखा की टिप-टिप से


अंतस बिसरी यादों की

अलख जगाता जाता था

मन बंजारा झूम-झूम

जब पीर गीत गाता था


सांझ का ढलता सूरज

तेरे आने की दस्तक था

बरसों तेरी राहों में कोई

सजदे में नत-मस्तक था


धुंधला सा दीदार भी

दिल में टीस जगाता था

मन बंजारा झूम-झूम

जब पीर गीत गाता था


तू ही बंदगी, तू ही सजदा

तू ही प्राणाधार था

तू ही अल्लाह, तू ही ईश्वर

तू ही मेरा करतार था


तेरी राहों में पागल दिल

गीत बिछाता जाता था

मन बंजारा झूम-झूम 

जब पीर गीत गाता था।


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