प्रेम बंजारा पानी सा, बिन बंधन के विचरता है, ऊँचे महलों में टिका नहीं, नीचे नगरों में बहता है। प्रेम बंजारा पानी सा, बिन बंधन के विचरता है, ऊँचे महलों में टिका नहीं, नीचे नगरो...
जिसकी चेहरे पर तो सुस्ती है। पर आँखों में मस्ती सी है। जिसकी चेहरे पर तो सुस्ती है। पर आँखों में मस्ती सी है।
तू वो इशारा बन जा तू अब हमारा बन जा तू वो इशारा बन जा तू अब हमारा बन जा
बोल तुम्हारे सखी घोलते जग में अमृत-रस की धारा। प्रेम-नगर बन जाती जगती समय ठहर जाता बंजारा। बोल तुम्हारे सखी घोलते जग में अमृत-रस की धारा। प्रेम-नगर बन जाती जगती स...
तुम्हें अपना राज़दार बना लेने के बाद,मैंने आज यह तय कर लिया है। तुम्हें अपना राज़दार बना लेने के बाद,मैंने आज यह तय कर लिया है।
तेरा यूँ बातों ही बातों में मुस्कुराना जैसे बारिश का आना.....। तेरा यूँ बातों ही बातों में मुस्कुराना जैसे बारिश का आना.....।