तुम्हारे होंठ तुम्हारे होंठ
होंठों से ना कह पाए तो, आंखों से बयां कर होंठों से ना कह पाए तो, आंखों से बयां कर
टेढ़ी नजर ने कई कहर ढा दिए, कितने बसे हुए गुलशन उजाड़ दिए। टेढ़ी नजर ने कई कहर ढा दिए, कितने बसे हुए गुलशन उजाड़ दिए।
जिसकी चेहरे पर तो सुस्ती है। पर आँखों में मस्ती सी है। जिसकी चेहरे पर तो सुस्ती है। पर आँखों में मस्ती सी है।
मैं चाहता हूँ बनना गवाह तुम्हारे होठों को थिरक थिरक कर यूँ बार बार लरजते देखने का मैं चाहता हूँ बनना गवाह तुम्हारे होठों को थिरक थिरक कर यूँ बार बार लरजते...
मेरा न होना तू है , तेरा न होना मैं , न मैं तुझसे जुदा हूँ न तू मुझसे जुदा। मेरा न होना तू है , तेरा न होना मैं , न मैं तुझसे जुदा हूँ न तू मुझसे जुदा।