मैं चाहता हूँ बनना गवाह तुम्हारे होठों को थिरक थिरक कर यूँ बार बार लरजते देखने का मैं चाहता हूँ बनना गवाह तुम्हारे होठों को थिरक थिरक कर यूँ बार बार लरजते...
वो तो निर्जन वन में खिलता सुंदर पुष्प है वो तो निर्जन वन में खिलता सुंदर पुष्प है
कल्पनाओं से देती हूँ उष्णता अनंत इच्छाएं बन बरसती हूँ कल्पनाओं से देती हूँ उष्णता अनंत इच्छाएं बन बरसती हूँ
धुंधली हो चुकी मंजिल रिश्ते गुम हो गए हैं सभी, धुंधली हो चुकी मंजिल रिश्ते गुम हो गए हैं सभी,