Aniket Kirtiwar
Romance
तुम्हें प्यार है मुझसे
जानम,
तू इंकार न कर
होंठों से ना कह पाए तो,
आंखों से बयां कर
मुझे बताओ
अच्छा हुआ
अच्छा हुआ...
उसे क्या पता....
तेरे बिना
ये दुनिया
बदनसीबी कि ह...
मैं खुश हूं ब...
मुन्नी
यह दिन
तुम तो मेरी कविता हो मेरी कल्पना हो खुबसूरत सा एक भ्रम हो ! तुम तो मेरी कविता हो मेरी कल्पना हो खुबसूरत सा एक भ्रम हो !
सिर्फ तुम्हारे होने से, वक्त का पता भी नहीं चलता। सिर्फ तुम्हारे होने से, वक्त का पता भी नहीं चलता।
आंसू अनवरत बहते जायँ, इंतज़ार में बुढ़ाई आँखे लाखों सवाल पूछती जाएं। आंसू अनवरत बहते जायँ, इंतज़ार में बुढ़ाई आँखे लाखों सवाल पूछती जाएं।
लाख पर्दे में, वे छिपे रहते थे बड़े मगरूर थे, ना कुछ कहते थे लाख पर्दे में, वे छिपे रहते थे बड़े मगरूर थे, ना कुछ कहते थे
फिर सिलसिला शुरू हुआ, रातों को जागने का, वो हममें हम उनमें, कब सिमटे और कैसे ? फिर सिलसिला शुरू हुआ, रातों को जागने का, वो हममें हम उनमें, कब सिमटे और कैसे ?
हुई है हमारी आज ये मुलाक़ात नसीब से आओ बैठे हम जरा पल दो पल करीब से हुई है हमारी आज ये मुलाक़ात नसीब से आओ बैठे हम जरा पल दो पल करीब से
ख़्वाहिशें हैं लाखों मगर दास्तान ये सुनानी है। ख़्वाहिशें हैं लाखों मगर दास्तान ये सुनानी है।
हम भी संग बहकें, पहले की तरह फिर चहकें। चल मिल के .....सपने पूरे करें दिल के। हम भी संग बहकें, पहले की तरह फिर चहकें। चल मिल के .....सपने पूरे करें दिल के।
तेरी यादों से सुबह शुरू होती है मेरी तेरी बातों से शाम ढलती है तेरी यादों से सुबह शुरू होती है मेरी तेरी बातों से शाम ढलती है
तेरे बगैर मेरा होना खाली पड़ा है दिल का कोना। तेरे बगैर मेरा होना खाली पड़ा है दिल का कोना।
देखते ही हम शर्मा गए उनकी गुलाबी होंठों से, खुद चमक छोड़ गई, आईना शर्मा गया अब क्या हो देखते ही हम शर्मा गए उनकी गुलाबी होंठों से, खुद चमक छोड़ गई, आईना शर्मा गया अ...
वो फूलों सी पंखुड़ियाँ कैसे, दर्द ना जाने सहती हैं वो फूलों सी पंखुड़ियाँ कैसे, दर्द ना जाने सहती हैं
सर्दी बरसात का तो कहना ही क्या, चाय जैसे तू हर मौसम में मुझे भाती है।। सर्दी बरसात का तो कहना ही क्या, चाय जैसे तू हर मौसम में मुझे भाती है।।
मोहब्बत भी नहीं करते नफ़रत भी नहीं करते। मोहब्बत भी नहीं करते नफ़रत भी नहीं करते।
पता नहीं ईश्वर ने तुममें ऐसी क्या घोली है इतनी मीठी आवाज तुमने कैसे बोली है! पता नहीं ईश्वर ने तुममें ऐसी क्या घोली है इतनी मीठी आवाज तुमने कैसे बोली है!
नेक दिल आदमी का, भरोसा बहुत। उनको धोखे में लाना, नहीं चाहिए । नेक दिल आदमी का, भरोसा बहुत। उनको धोखे में लाना, नहीं चाहिए ।
ऐसा भी क्या मांगा मैंने, हक़ ही तो चाहा मैंने, ऐसा भी क्या मांगा मैंने, हक़ ही तो चाहा मैंने,
क्यों है तुझे इतना गुमान... न तू कैटरीना, ना आलिया और न उमराव जान क्यों है तुझे इतना गुमान... न तू कैटरीना, ना आलिया और न उमराव जान
ये जनम जनम का बंधन जैसे हो महकता चंदन ये जनम जनम का बंधन जैसे हो महकता चंदन
चढ़ता जब आफताब पहाड़ों पर, तेरे दीदार को उतरे एक प्यासी रुह! चढ़ता जब आफताब पहाड़ों पर, तेरे दीदार को उतरे एक प्यासी रुह!