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ashok kumar bhatnagar

Romance

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ashok kumar bhatnagar

Romance

प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

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प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

तुम्हारी हंसी मेरी रौशनी हो।

तुम्हारे आँचल से मुझे छाया मिले,

तुम्हारी अदा मेरे दिल को भाये।


तुम्हारी बातें मेरे जीवन का संगीत,

तुम्हारी मुस्कान मेरी आत्मा की आभा।

तुम मेरी कविता के पंक्तियों में छिपी हो,

तुम्हारे लिए ये दिल गीत गाता है।


तुम्हारी मधुर बातों में प्यार छुपा है,

तुम्हारी आँखों में सपने सजे हैं।

तुम मेरे जीवन की साथी हो,

हर मोड़ पर मुझे सहारा देती हो।


प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

तुम्हारी मौजूदगी मेरे जीवन का आधार हो।

तुम्हारी खुशी मेरे लिए सर्वोपरि है,

मेरी दुनिया में तुम ही अद्वितीय बनी हो।


प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

मेरे दिल की गहराइयों में बसे हो।

तुम्हारी हंसी रंगीन सपने सजाती है,

तुम्हारे नज़रे चमक, जीवन को भर देती है।


तुम्हारी मुस्कान, मेरे अंदर उत्साह भर देती है,

तुम्हारी बातें सुनकर हृदय को बहुत खुशी मिलती है।

तुम्हारा स्पर्श, जैसे सुंदर बादलों की छाँव है,

मेरी रूह को चुभता, नई उमंग दे जाता है।


तुम्हारी मुस्कान, सूर्य की किरणों की छांव है,

तुम्हारी आँखें, स्वर्गीय सपनों की परिचाव है।

तुम्हारा हाथ, मेरे रास्ते को सजाता है,

मेरे जीवन को रंगीन और खुशहाल बनाता है।


प्रिये, तुम मेरे लिए आधार हो,

हर संघर्ष में मेरे साथ सहारा हो।

तुम्हारी ममता, स्नेह से महकती है,

तुम्हारा प्यार, मेरे जीवन को जगमगाती है।


तुम्हारी वफादारी, मेरे जीवन की पहचान है,

तुम्हारी सदैव साथी, मेरे सपनों की कहानी है।

प्रिये, तुम मेरे लिए सबसे अनमोल हो,

तुम्हारे बिना जीना, असम्भव हो।


तुम्हारे साथ हर पल, सुख-दुःख साझा करना है,

तुम्हारे प्यार में ही, मेरा जीवन समर्पित करना है।

प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

तुम्हारी प्रेम रेखा मेरे जीवन को सजाती हो।


प्रिये, तुम मेरे लिए विशेष हो,

तुम्हारी एक झलक में मेरा दिल खो जाता है।

तुम्हारी मुस्कान चमकती है जैसे सूरज की किरणों में,

तुम्हारी हंसी से आसमान रंगीला हो जाता है।


तुम मेरे जीवन की मधुर ध्वनि हो,

हर पल में तुम्हारी मिठास समाई होती है।

तुम्हारी आँखों में सारे सपने समाए होते हैं,

तुम्हारी बातों में अनंत खुशियाँ छुपी होती हैं।


तुम मेरी साथी, मेरी सहेली हो,

मेरी दुखों को सुख में बदलती हो।

तुम मेरी संगीत की सरगम हो,

हर गम को अपनी मुस्कान से छेड़ती हो।



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