उसे क्या पता...
उसे क्या पता...
क्या हकीकत है, क्या फसाना है
उसे क्या पता जो तेरा दिवाना है
लब तेरे क्यों रहते गुमसुम
क्या मुझपे करती हो शक तुम
माफ करो गलती हुयी ये तो शर्माना है
उसे क्या पता, जो तेरा दिवाना है
रात दिन तेरे ख्वाब आते हैं
तेरी मुस्कान से जवाब आते हैं
कहती हो जल्दी करो
मुझको घर जाना है
उसे क्या पता जो तेरा दिवाना है

