STORYMIRROR

Aniket Kirtiwar

Abstract

3  

Aniket Kirtiwar

Abstract

ये दुनिया

ये दुनिया

1 min
240

ये दुनिया रंग रंगीली है, 

बहुत रंग है जमाने में। 

मगर यारों मैं बेरंग हूँ, 

पड़ा हूँ इस वीराने में। 


तुम्हारी खुशी का क्या कहना, 

खुदा भी शर्मिंदा है। 

हमारे गम से महरूम वो, 

खबर इतनी की जिंदा है। 


छुपाले हुस्न तू अपना, 

लगाले आखों में काजल। 

फिर ना कहना किसी को तुम, 

ये है पागल, ये है पागल।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract