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Niraj Pandey

Romance

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Niraj Pandey

Romance

वादा निभाओगी ना

वादा निभाओगी ना

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सर्दियों के बाद का वादा था निभाओगी ना 

आखिरी बार मिलन की ख्वाहिश है आओगी ना 


बस देखने की हरसत है जी भर कर तुमको 

श्रृंगार से अपने ये दिल धड़काओगी ना


सुना है उठेगी डोली इस अप्रैल में तुम्हारी 

हाथों की मेहंदी में मेरा नाम लिखवाओगी ना 


रुसवा नही करेंगे तुमको जमाने के सामने 

पर तुम भी सबसे ये बातें छुपाओगी ना 


माना नही जानता कोई हम दोनों के बारे में 

पर डी जे पर पियवा से पहिले हमार रहलु सुन पाओगी ना


काट लेंगे हम तो ये दिन जैसे तैसे 

पर तुम हमारे बिन बोलो रह पाओगी ना 


सुना है दुवाओं में बहुत असर होता है 

दर उसके जाकर मेरी सिफारिश लगाओगी ना 


अब इस जन्म में तो दूर हो गई हो हमसे 

पर अगले जन्म में तो घर मेरे ही आओगी ना.


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