महफ़िल
महफ़िल
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महफ़िल में मिले हैं नाम से बुलाइए
इस तरह की बातों से न जी जलाइए
बड़े प्यार से रखा है माँ ने हमारा नाम
भाई से ही बात करनी है तो घर से ले आइए
ये नए रिश्ते नाते अब मत बनाइये
इंसान हैं इंसानियत का रिश्ता निभाइए
ये भइया भइया की क्या रट लगा रखी है
अरे कुछ तो खुदा का भी खौफ खाइए
मिले हो हमसे कई दिनों के बाद
कुछ नए तराने हो तो गाकर सुनाइए
गर है नही यकीन आपको इन लड़कों पर
महफ़िल में क्या काम आप घर चले जाइए।
