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Laxmipriya sahu

Romance

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Laxmipriya sahu

Romance

मुझसे मिलने आओगे क्या?

मुझसे मिलने आओगे क्या?

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मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी

मुझसे मिलने आओगे क्या ? 

न जाने कितने दिन कितनी रात,

कितने घंटे, कितने मिनिट,

कितने सेकंड हो गये तुमसे मिले हुए... (2) 


मिलने का और एक मौका ढूँढ पाओगे क्या ? 

मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी

मुझसे मिलने आओगे क्या ? 

इस नज़र को उस नज़र से और एक बार मिलाओगे क्या ? 

मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी

मुझसे मिलने आओगे क्या ? 


देखो तुम भी मिलना चाहते हो

मेरे पास आके, मुझे यूँही परखना चाहते हो

जानती हूँ, दूरियाँ दरार बन कर खड़ा है

फ़िर भी वो सुकून का दिन, वो सुकून के घण्टे

जल्दी ला पाओगे क्या ? 


मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी

मुझसे मिलने आओगे क्या ? 

मन तड़पता है तुम्हें देखने को

और एक बार इन हाथो को उन हाथों की 

एहसास दे पाओगे क्या ? 

मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी

मुझसे मिलने आओगे क्या ? . ........


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