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दोनों ही चाह रहे थे कि यह सफर कुछ देर और साथ चलता, लेकिन दोनों ही अपने - अपने गन्तव्य दोनों ही चाह रहे थे कि यह सफर कुछ देर और साथ चलता, लेकिन दोनों ही अपने - अपने गन...
धीरे-धीरे उसके मन की गुत्थी सुलझने लगी और जैसे - जैसे गुत्थी सुलझने लगी उसकी बेचैनी बढ़ धीरे-धीरे उसके मन की गुत्थी सुलझने लगी और जैसे - जैसे गुत्थी सुलझने लगी उसकी बेच...
अविनाश ने कहा घर तो तुम्हारा ही है। अविनाश ने कहा घर तो तुम्हारा ही है।
मैं शादी विवाह के हर कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही थी मैं शादी विवाह के हर कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही थी
कल्याणी का घर ठहाकों से गूँज उठा। कल्याणी का घर ठहाकों से गूँज उठा।
जीवन संध्या हमारे जीवन का सबसे खूबसूरत और सुनहरा पल होता है जीवन संध्या हमारे जीवन का सबसे खूबसूरत और सुनहरा पल होता है
रामायण में प्रभु राम का चरित्र उदात्त होते हुए भी सुख-दुःख से उद्वेलित होता हुआ दिखलाया रामायण में प्रभु राम का चरित्र उदात्त होते हुए भी सुख-दुःख से उद्वेलित होता हुआ ...
दिव्या अपनी पुत्री में स्वयं को देख रही थी ! दिव्या अपनी पुत्री में स्वयं को देख रही थी !
“हम नहीं जायेंगे शादी में, आखिर एकतरफा रिश्तों को हम ही क्यों निभाते रहें “हम नहीं जायेंगे शादी में, आखिर एकतरफा रिश्तों को हम ही क्यों निभाते रहें