STORYMIRROR

kiran singh

Comedy

4  

kiran singh

Comedy

नमस्ते आंटी

नमस्ते आंटी

2 mins
286

नमस्ते आंटी, एक पतली – दुबली, लम्बी, छरहरी लगभग हमउम्र महिला के मुंह से आंटी सम्बोधन सुनकर कल्याणी थोड़ा असहज हो गई फिर भी थोड़ा खुद को संयमित करते हुए कुसुम को बैठने के लिए कह कर मन ही मन – ही – मन सोचने लगी – क्या मैं सचमुच इतनी बुड्ढी हो गई हूँ कि वह आंटी बोले, फिर एक तिरछी नज़र कुसुम पर डालते हुए बुदबुदाई – हुंह! ये औरत खुद को क्या सोलह बरस की बाला समझ रही है । मन में तो आया कि उसे टोक दे लेकिन अभी कुछ ही महीने पहले कुसुम का परिवार कल्याणी के मुहल्ले में शिफ्ट हुआ था – इस दौरान आते-जाते दो – चार बार कुसुम से आमना – सामना हुआ था। हर बार कुसुम के मुंह से अपने लिए आंटी का सम्बोधन सुनकर वह सोच में पड़ जाती, पर शिष्टाचार वश कुछ कह नहीं पाती। आज पहली बार कुसुम उसके घर आई थी इसीलिए कल्याणी ने सोचा पहली बार घर आये आगन्तुक के साथ ऐसा कुछ कहना अशिष्टता होगी। अतः औपचारिक बातचीत के क्रम में उक्त महिला का परिचय तथा रुचि – अरुचि पूछते हुए चाय नाश्ता का प्रबन्ध करने लगी। फिर तो वो महिला अपना डाइट गिनाने लगी साथ ही अपना फिगर मेंटेन रखने की रामकथा भी। बातों – बातों में कहने लगी कि जब मैं अपने बेटे के साथ कहीं जाती हूँ तो सभी कहते हैं कि अरे ये तेरी बहन है? यह बात कहते हुए उसके चेहरे पर गर्व और खुशी की रेखा स्पस्ट दिखाई दे रही थी लेकिन कल्याणी को यह सब सुनकर अन्दर ही अन्दर हँसी आ रही थी क्योंकि उस महिला के चेहरे की त्वचा और आँखों के आसपास की खिंची रेखाएं उसकी उम्र नापने के लिए पर्याप्त थीं।

वे दोनों बात – चीत कर ही रही थीं कि कल्याणी की छोटी बहन भी आ गई। वह कल्याणी से करीब दस वर्ष छोटी थी। हद तो तब हो गई जब कुसुम उसे भी मौसी कहकर सम्बोधित करने लगी । इस बात पर कल्याणी और उसकी बहन दोनों ही जोर – जोर से हँसने लगीं। वे क्यों हँसी इसबात को शायद कुसुम समझी नहीं या फिर समझना नहीं चाहती थी इसलिये अपना सम्बोधन जारी रखी। तभी कल्याणी की हमउम्र एक और पड़ोसन अपने पति की प्रमोशन की खुशी में मिठाई का डिब्बा लिये आ गईं और डब्बा खोलकर कुसुम की तरफ़ मुखातिब होकर बोलीं नमस्ते आँटी मिठाई लीजये।

कुसुम को जैसे जोर का करंट लग गया, उसने त्वरित प्रतिक्रिया दी आँटी ?

मैं किस हिसाब से आपकी आँटी हो गई?

फिर वह पड़ोसन बोली जिस हिसाब से कल्याणी जी आपकी आँटी हैं।

यह सुन कुसुम का मुंह देखने लायक था।

कल्याणी का घर ठहाकों से गूँज उठा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy