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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

प्रेम पहेली

प्रेम पहेली

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वो

आती

थी

मुझसे

लिपट

जाती

थी

फिर

कुछ

भी

नहीं

बोलती

थी

मेरे

आंखों

में

झांककर

मुस्कुराती

थी

फिर

रोने

लगती

थी

आंखों

से

झर झर

आंसू

बहने

लगते

थे

वो

बिना

कुछ

कहे

सबकुछ

कह

देती

थी

और

मैं

समझ

जाता

था

इस

प्रेम

पहेली

को।


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