सुकूते सेहरा
सुकूते सेहरा
Female :
मुखड़ा :
नज़र मिली है नज़र से ऐसे कि दिल की धड़कन बढ़ा गई है
तुम्हारे आने से ख़्वाब जागे, बहार सेहरा पे छा गई है
Male:
मुखड़ा :
नज़र तुम्हारी उतर के दिल में , हज़ारों अरमाँ जगा गई है
मैं अंदर अंदर पिघल रहा हूँ ये आग कैसी लगा गई है
अंतरा 1 :
नवाज़िशें हैं , गुज़ारिशें हैं, सिफारिशें हैं, इनायतें हैं
तुम आए जब से, हमारे दिल में , मुहब्बतें ही मुहब्बतें हैं
अंतरा 2:
सुकूते सेहरा में दिल ने छेड़ा, फ़साना अपनी मुहब्बतों का
चराग़ राहों में जल उठे हैं, ख़ुमार छाया है चाहतों का।

