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Rishab K.

Abstract Inspirational

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Rishab K.

Abstract Inspirational

तिरंगा

तिरंगा

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आन बान शान है ये अपना तिरंगा

अपने वतन की ये पहचान है तिरंगा

हाँ अपने वतन की ये जान है तिरंगा

आन बान शान है ये अपना तिरंगा


तिरंगे पे दिल क्या ये जान है न्यौछावर

सारे विश्व में जग ज़ाहिर है ये उजागर

देखो सदियों से बहती ये कहती माँ गंगा, 

आन बान शान है ये अपना तिरंगा

अपने वतन की ये पहचान है तिरंगा

हाँ अपने वतन की ये जान है तिरंगा

आन बान शान है ये अपना तिरंगा... 


सातों आसमां ये धरती कहे पुकार के

जय हिंद बोलो नौजवानों ललकार के

दहशत से शत्रु कांपे इक हद्सा हो दंगा, 

आन बान शान है ये अपना तिरंगा

अपने वतन की ये पहचान है तिरंगा

हाँ अपने वतन की ये जान है तिरंगा... 


ऐ सलाम ए तिरंगा तुझ पे हूँ फ़िदा  

सर झुकाऊँ तुझे तेरा करूँ सजदा 

गोलियों से खेलूँ लूं दुश्मनों से पंगा, 

आन बान शान है ये अपना तिरंगा

अपने वतन की ये पहचान है तिरंगा

हाँ अपने वतन की ये जान है तिरंगा

आन बान शान है ये अपना तिरंगा... 



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