दर्द
दर्द


जब मेरे दर्दों को सुनकर
तुम्हारे मुंह से वाह निकलेगी
मेरे दिल में जोर से दस्तक होगी,
और एक आह निकलेगी
हमें पता है वो एक ना एक दिन,
रूठकर चले जाएंगे जरूर
तलवार है वो कभी ना कभी तो
म्यान से निकलेगी
खूबियां कभी कोई कहा गिनाता है,
किसी की यार
बस कमियां मेरी वो
अपनी जेहन में रख लेगी
रात हो गई है और मै
बस अंधेरे का इंतजार है
नजर गड़ाए हूं मैं,
कभी तो ये मोमबत्ती पिघलेगी।