अनास्था++
अनास्था++
आज अनास्था,
ईश्वर के प्रति है।
कल माता पिता के लिए भी होगी।
तब,
वह पीढ़ी कहेगी,
जन्म तो केमिकल रिएक्शन है,
कोख में रहना बायोलॉजिकल कंडीशन।
तुमने जन्म नहीं दिया हमें,
वो तो साइंटिफिक प्रोसेस है।
वे यह भी कहेंगे,
परिवार का होना सोसाइटियल एक्ट है,
वेरिएबल है, बदलता रहता है।
परिवार हो या समाज, वैज्ञानिक तथ्य नहीं,
इंसान की बेकार सी सोच है।
तब तुम मत कहना कि,
यह अलगाव तुमने ही शुरू किया था।
तुम मत समझाना कि, जुड़ाव भावनात्मक होता है।
ईश्वर से अलगाव,
धीरे-धीरे और कितने अलगाव पैदा करेगा।
तुम शायद अभी नहीं समझोगे।
शायद तब भी नहीं...
